पुस्तक मेला वर्ष 2000
"बनारस पुस्तक मेला" के पंचम आयोजन वर्ष 2000 में अनेक विषय पर चर्चा-परिचर्चा से
लोग लाभान्वित हुये | तिब्बती उच्च शिक्षा संस्थान के निदेशक प्रो एस रिन्पोक्षे ने कहा कि, "पुस्तकें मैत्री उत्पन्न करने की सशक्त
माध्यम हैं |" साथ ही उन्होने यह भी कहा कि, "भारतीय वांगमय के अनुसार शब्द सामाजिक सम्बन्धों की वाहक हैं |" इसके
अतिरिक्त काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व लाइबरेरियन श्री रामजी सिंह ने कहा कि, "पुस्तकें ज्ञान का भंडार हैं और उनके माध्यम से ही
मानव सभ्यता एवं संस्कृति का संरक्षण संभव है |"