Logo Banaras Pustak Mela, Banaras Book Fair
बनारस पुस्तक मेला

मोतीलाल मानव उत्थान समिति, वाराणसी
दिनांक 11 से 17 नवम्बर 2024
वर्ष 1996 ईo से अनवरत 29 वर्ष

पुस्तक मेला (रजत जयंती वर्ष) 2020, तृतीय दिवस, बूढ़ी काकी सम्मान
70 वर्षीया, नगकूबो म्योजित्सू का बूढ़ी काकी सम्मान

वाराणसी, 25 नवम्बर, कुशवाहा भवन, चन्दुआ छित्तूपुर में आयोजित 25वें बनारस पुस्तक मेला के तीसरे दिन प्रेमचंद की कहानी “मंत्र” पर चर्चा की गयी। ‘मंत्र’ प्रेमचंद की एक मर्मस्पर्शी कहानी है। जिसमें विरोधी घटनाओं, परिस्थितियों और भावनाओं का चित्रण करके इन्होंने कर्तव्यबोध का अभीष्ट प्रभाव उत्पन्न किया है। भगत की अन्तर्द्वन्दपूर्ण मनोदशा, वेदना एवं कर्तव्यनिष्ठ आपके मर्म को छू लेती है तथा डॉ. चड्ढा की निष्ठुरता, निर्दयता का बोध समय आने पर एहसास होता है और इसके लिए डॉ. चड्ढा बहुत पश्चाताप करता है। कहानी में डॉ. चड्ढा के चरित्र तथा भगत की मनोदशा को मुंशी प्रेमचंद ने बड़े ही मार्मिक ढंग से चित्रण किया है कहानी पर चर्चा इसलिए भी रखी गयी थी कि आज के परिवेश में भी हमारे आस पास ऐसे चरित्र के लोग मौजूद हैं। कहानी में पढ़े लिखे डॉ. चड्ढा से भी बढ़कर भगत ने अपने पुत्र को खोकर भी कर्तव्यों को निभाया। जो एक मिसाल कायम करता है। क्या ऐसे चरित्र का व्यक्ति आज के समाज में भी है? इस तरह के केश पर भी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को विचार करना चाहिये। समाज में भगत जैसे व्यक्ति के इलाज से ही डाक्टरों का मान बढ़ता है, वास्तव में प्रेमचंद की कहानी में छिपे दर्द एवं मनोभाव को महसूस किया जा सकता है। उम्मीद है कि पुस्तक मेला में चर्चा के बाद दुसरे भगवान का दर्जा प्राप्त लोग अपने मन:स्थिति पर विचार करेंगे। मंत्र कहानी को विस्तार से सुनाया गया। एक-एक चरित्र को निभाने वाले किरदार ने दिल को छू लिया। यहाँ उपस्थित एक सज्जन ने यहाँ तक कहा कि डॉ. चड्ढा को ऐसा नहीं करना चाहिये था। इस अवसर पर धर्मचक्र इंडो-जापान बुद्धिस्ट कल्चरल सोसाइटी, की अध्यक्षा ‘नागाकूबो म्योजित्सू’ को बुके और पुस्तक देकर ‘बूढी काकी सम्मान पत्र’ से सम्मानित किया गया। उन्होंने जापानी भाषा में अपने उद्बोधन में कहा कि एक दुसरे से संवाद तथा समय के महत्व को समझने की आवश्यकता है। उन्होंने जापान में शिक्षा व्यवस्था एवं पुस्तकों के अध्ययन के तरीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि जापानी करेंसी पर साहित्यकारों के चित्र अंकित होते है। जापानी से हिंदी भाषा में अनुवाद संतोष कुमार ने किया।

इस अवसर पर अवधेश कुमार, विजय प्रसाद, मनोज मिश्रा, पंकज श्रीवास्तव, अलकबीर, गौरव, प्रकाश, अभिजीत तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे, संचालन एम.एस. कुशवाहा ने किया और धन्यवाद् ज्ञापन मिथिलेश कुमार कुशवाहा किया।
चित्रमाला
सम्मान
जापानी महिला ‘नागाकूबो म्योजित्सू’ का बूढ़ी काकी सम्मान |
सम्मान
जापानी महिला ‘नागाकूबो म्योजित्सू’ का बूढ़ी काकी सम्मान |
सम्मान
जापानी महिला ‘नागाकूबो म्योजित्सू’ का बूढ़ी काकी सम्मान |
सम्मान
जापानी महिला ‘नागाकूबो म्योजित्सू’ का बूढ़ी काकी सम्मान |
सम्मान
जापानी महिला ‘नागाकूबो म्योजित्सू’ का बूढ़ी काकी सम्मान |
सम्मान
जापानी महिला ‘नागाकूबो म्योजित्सू’ का बूढ़ी काकी सम्मान |
सम्मान
जापानी महिला ‘नागाकूबो म्योजित्सू’ का बूढ़ी काकी सम्मान |
सम्मान
जापानी महिला ‘नागाकूबो म्योजित्सू’ का बूढ़ी काकी सम्मान |
सम्मान
जापानी महिला ‘नागाकूबो म्योजित्सू’ का बूढ़ी काकी सम्मान |
आयोजक
मोतीलाल मानव उत्थान समिति
पंजीकृत कार्यालय : सी 33/52-10 कुशवाहा भवन, चंदुआ, छित्तुपुर (सिगरा स्टेडियम के पीछे रोड पर), वाराणसी 221002
Email : motilalmanavutthansamiti@gmail.com
Ph : 0542-2222822, Mo : 9453935066(Whatsapp)