गमले में सब्जी उगायें |
वाराणसी, 28 नवम्बर, कुशवाहा भवन, चन्दुआ छित्तूपुर में आयोजित 25वें बनारस पुस्तक
मेला के छठे दिन ‘आधुनिक खेती की संभावनाएं’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में जगन्नाथ
कुशवाहा ने कहा कि जैविक खाद द्वारा गमलों में भी सब्जियां उगाई जा सकती है। उनके द्वारा
जैविक कल्चर और टमाटर के पौधों को प्रदर्शन के लिए लोगों के समक्ष रखा, जो कृषि विभाग
द्वारा प्रमाणित किये गए थे। सब्जी उत्पादन में ध्यान रखने वाली बातों को उन्होंने विस्तार से
समझाया। लोगों से अपील की गयी कि अपने किचन गार्डन में फूलों के अलावा सब्जियों के भी
पौधे रोपित किये जाएँ। टमाटर, बैगन, धनिया, मिर्चा, नेनुआ, चिचड़ा, कद्दू, कोहड़ा, के बीज
रोपित कर परिवार के लिए ताजी और हरी सब्जियां उगाई जा सकती है। भारतीय सामाजिक संस्थान,
नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित कानूनी शिक्षा श्रृखला के अन्तर्गत कानून सम्बन्धी विशेष प्रावधानों पर प्रकाशित
पुस्तकों की चर्चा की गयी जो सस्ती एवं ज्ञानवर्धक हैं। जिसमें निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का
अधिकार अधिनियम 2009 हिन्दू उत्तराधिकार कानून, मरीजों के अधिकार, ट्रेड यूनियन, मुक्तार नामा,
विवाह से सम्बंधित अपराध, कैदियों के अधिकार, कारखाना अधिनियम, औद्योगिक विवाद अधिनियम,
बाल मजदूरी सम्बन्धी कानून, फैमिली कोर्ट, भ्रष्टाचार निवारण सम्बन्धी कानून निवारण प्रमुख हैं।
‘काव्य तरंग’ में पंकज श्रीवास्तव ने अपनी गज़ल एवं कविता को सुनाया।
इस अवसर पर आर. पी. सिंह, अलकबीर, अंकुर श्रीवास्तव, डॉ. अनिल श्रीवास्तव तथा
अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। संचालन मिथिलेश कुमार कुशवाहा ने किया और धन्यवाद् ज्ञापन
एम. एस. कुशवाहा ने किया।