आर्थिक स्वावलम्बन एवं स्वरोजगार
वाराणसी, 10 नवम्बर, मोतीलाल मानव उत्थान समिति, कुशवाहा भवन, चन्दुआ छित्तूपुर में आयोजित 27वें बनारस पुस्तक मेला के चौथे दिन ’आर्थिक स्वावलम्बन एवं स्वरोजगार’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में मिथिलेश कुमार कुशवाहा ने कहा कि आर्थिक स्वावलम्बन दूसरे के ऊपर निर्भरता कम करता है और परिवार के सदस्य उसमें शामिल होकर उसको बढ़ाते है। भारत एक कृषि प्रधान देश है कृषि अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत पशु-पालन, मछली-पालन, मधुमक्खी-पालन, सिलाई-कढ़ाई, आचार, जैम, जैली, मुरब्बा, एवं पापड़ इत्यादि के साथ अन्य छोटा-मोटा स्वरोजगार करके व्यक्ति आर्थिक स्वावलम्बी एवं आत्मनिर्भर बन सकता है। सरकारी या गैर-सरकारी नौकरी पर निर्भर रहना या प्रयास करने के बाद असफल रहने पर अपने दिशा को बदल देना चाहिये। इण्टरनेट व मोबाइल के युग में स्वरोजगार के अनेक साधन उपलब्ध हैं। सरकार की कई स्कीमें इसमें मदद करती है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग(एमएसएमई) के अन्तर्गत स्वरोजगार से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त किया सकता है। सेवा के क्षेत्र में कम पूँजी में व्यापार को शुरु किया जा सकता है और धीरे-धीरे बढ़ाकर वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। आकाशवाणी और दूरदर्शन के माध्यम से अपने उत्पादों का प्रचार करके लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। सोशल मीडिया का प्लेटफार्म आर्थिक स्वावलम्बन व स्वरोजगार की दृष्टि से एक बहुत बड़ा सोर्स है, जिसके अन्तर्गत यूट्यूब चैनल, डिजिटल मार्केटिंग व ब्लॉगिंग आदि कुछ चर्चित माध्यम है जिसका लाभ बेरोजगार व इस क्षेत्र में कार्य करने के इच्छुक युवा उठा सकते है। कृषि, बचत योजना, इंश्योरेंश, म्युचुअल फंड, शेयर मार्केट में भी स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होते है। पारिवारिक व्यवसाय को टेक्नोलॉजी के जरिये बढ़ाया जाना चाहिये, जिससे समय के साथ आमदनी एवं बचत होता रहे।
इस परिचर्चा में बड़ौदा यूपी बैंक के प्रबंधक, सुनील कुमार सिंह ने कहा कि लघु उद्यमियों को या ऐसे व्यक्ति जो स्वरोजगार करना चाहते है उन्हें बैंक द्वारा विभिन्न प्रकार के माइक्रों लोन दिया जाता है। सीए, आशीष कालवानी ने स्वरोजगार और वित्तीय प्रबंधन पर प्रकाश डालते हुये कहा कि रोजगार में वित्तीय प्रबंधन अहम रोल अदा करता है। इसलिये यह जरुरी है कि उद्यमी अपने छोटे या बड़े उद्योगों को वित्तीय प्रबंधन के साथ शुरु करें। केन्द्रीय सूचना विभाग के सेवा निवृत उपनिदेशक, डॉ. नरसिंह राम ने कहा कि स्वरोजगार हेतु हमें जिला उद्योग केन्द्र, भारत सरकार के एमएसएमई, खादी ग्रामोद्योग आयोग तथा प्रदेष सरकार के रोजगार कार्यालय से हमें नियमित सम्पर्क करना चाहिये। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा स्वरोजगार हेतु अनेक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं जिसमें प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र के साथ-साथ मानदेय, रोजगार हेतु बैंको के माध्यम से ऋण की व्यवस्था के साथ-साथ टूल किट्स भी निशुल्क प्रदान किये जा रहे है। कार्यक्रम में प्रमोद कुमार, गौरव कुशवाहा, प्रकाश कुमार, सुनील कुमार आदि लोगों ने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन एम.एस. कुशवाहा तथा धन्यवाद ज्ञापन मोतीलाल मानव उत्थान समिति के अध्यक्ष, श्री अवधेश कुशवाहा ने किया।