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बनारस पुस्तक मेला

मोतीलाल मानव उत्थान समिति, वाराणसी
दिनांक 11 से 17 नवम्बर 2024
वर्ष 1996 ईo से अनवरत 29 वर्ष

पुस्तक मेला (रजत जयंती वर्ष) 2020, प्रथम दिवस, उद्घाटन कार्यक्रम
पुस्तकों का महत्व कभी खत्म नहीं होगा | - प्रो० निर्मला मौर्य
वाराणसी, 23 नवम्बर, मोतीलाल मानव उत्थान समिति, कुशवाहा भवन, चंदुआ छित्तुपुर मे आयोजित 25वें बनारस पुस्तक मेला के उद्घाटन समारोह के अवसर पर, वीर बहादुर सिंह पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर की कुलपति, प्रो० निर्मला मौर्य जी ने कहा कि पुस्तकें अनुभवों का पिटारा होती हैं | आज डिजिटल का ज़माना है, समय तेज़ी से बादल रहा है ऐसे समय मे पुस्तक मेला का आयोजन इस बात की ओर संकेत करता है कि मानव जीवन मे सदैव पुस्तकों का महत्व बना रहेगा | वेद काल से आज तक जिस शिक्षा की बात होती चली आ रही है, उनके केंद्र मे पुस्तकें, ग्रंथ आदि रहे हैं | मोतीलाल मानव उत्थान समिति द्वारा आयोजित सात दिनों का पुस्तक मेला कोविड-19 के समय मे ऐसी पहल है जो मानव के अटल विश्वास को प्रकट करती है | इस आयोजन मे नई शिक्षा नीति-2020 चर्चा होगी तो कथाकार प्रेमचन्द्र की कहानी ‘मंत्र’ की चर्चा है | इसमें प्रेमचन्द्र ने दो वर्गों की द्वन्द्वात्मकता को शब्द दिये हैं | ’बूढ़ी काकी सम्मान’ है मानव मनोविज्ञान की यह उत्कृष्ठ कहानी है | ‘संविधान दिवस’ को ध्यान मे रखते हुए सामाजिक न्याय व्यवस्था की चर्चा होगी तो चिकित्सा को भी छोड़ा नहीं गया है | आज मनुष्यों में विटामिन ‘डी’ की कमी होती जा रही है जीवन शैली बादल गयी है | कोरोना विषाणु ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है | किसानों की रोज़ी-रोटी, किसानी की समस्या पर चर्चा है | पत्रकार विजय विनीत जी की पुस्तक ‘बनारस लॉकडाउन’ एक जीवंत दस्तावेज़ है | 75 दिनों का लेखा-जोखा है | यह आत्म-संस्मरणात्मक लेख चित्रात्मक शैली मे लिखे गए है | इन संस्मरणों का शब्द प्रतिशब्द बोलता है | जैसे बुनी हुई रस्सी को खोले तो रेशा-रेशा अलग हो जाता है | वैसे ही 254 पृष्ठों मे फैली इस पुस्तक का रेशा-रेशा खुलता जाता है | जैसे-जैसे पाठक पुस्तक को पढ़ता जाता है | करुणा का प्रसार पुस्तक के केंद्र में है | यह समिति नए आने वाले साहित्यकारों को एक मंच दे रही है | सांस्कृतिक परम्पराओं पर विश्वास रखकर आगे बढ़ती जा रही, यह संस्था सदैव सबका सिरमौर रहेगी |

अध्यक्षता कर रहे हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, बी०एच०यू०, के प्रो० सदानन्द शाही ने कहा कि पुस्तकें लंबे समय से मनुष्य की विकास यात्रा की सहचर रही है | पिछले कुछ समय से तकनीक की नयी- नयी पद्धतियों ने पुस्तक संस्कृति को गम्भीर चुनौती दी है | हालिया महामारी ने पुस्तक संस्कृति के संकट को और गम्भीर रूप दे दिया है | ऐसे मे पुस्तक मेले का आयोजन एक साहसिक कार्य है | पुस्तकें मनुष्यता की सामूहिक स्मृति कोष होती हैं | पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देना हमारी अपनी मनुष्यता को धार देना है | इस अवसर पर डॉ० दयानंद, डॉ० नरसिंह राम, सियाराम यादव ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए | कार्यक्रम से पूर्व मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर रजत जयंती वर्ष के पुस्तक मेला का शुभारंभ किया | अतिथियों के सम्मान के पश्चात, मेला व्यवस्थापक, मिथिलेश कुमार कुशवाहा को उनके लगातार प्रयास के लिए प्रखर एवं कर्मठ व्यक्तित्व के रूप मे सम्मानित किया गया | इसके बाद विजय विनीत की पुस्तक ‘बनारस लॉकडाउन’ का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया | इस अवसर पर फ्रंट पेज पब्लिकेशन, लंदन के अभिजीत मजूमदार तथा समाजसेविका, श्रुति नागवंशी को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया | कार्यक्रम में राजेंद्र कुमार दूबे, सरदार कुलदीप सिंह, प्रियदीप कौर, पिन्टू कूंडु, पंकज श्रीवास्तव, डॉ० मनीष उपाध्याय, डॉ० मनोहर लाल, सुनील कुमार राय, डॉ० राममोहन अस्थाना, जगदीश प्रसाद वर्मा, विनोद सिंह, ओमप्रकाश सिंह, सोनू पाण्डेय, हेरम्ब शंकर त्रिपाठी, सत्यप्रकाश, अमरनाथ कुशवाहा, संदीप वेरमा, विजय कुमार आर्य, धर्मराज मौर्य, डॉ० रमेश कुशवाहा, लालचंद कुशवाहा, राधेश्याम मौर्य, पुष्पा मौर्य, मृत्युंजय पाण्डेय, रामजी यादव, कुमार विजय आदि लोग उपस्थित रहे | कार्यक्रम का संचालन सचिव, एम० एस० कुशवाहा ने किया तथा धन्यवादज्ञापन अध्यक्ष, अवधेश कुमार कुशवाहा ने किया |
चित्रमाला
दीप प्रज्ज्वलन
रजत जयंती वर्ष के अवसर पर दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ करते हुए, पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर की कुलपति, प्रो० निर्मला मौर्य |
दीप प्रज्ज्वलन
दीप प्रज्ज्वलन करते हुए बी० एच० यू० के प्रो० सदानंद शाही एवं अतिथिगण |
माल्यार्पण
अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत करते हुए मेला व्यवस्थापक श्री मिथिलेश कुशवाहा जी |
स्वागत
सचिव श्री एम० एस० कुशवाहा जी द्वारा अतिथियों का स्वागत |
स्वागत
प्रबन्धक श्री मिथिलेश कुशवाहा जी द्वारा अतिथियों का स्वागत |
मुख्य अतिथि
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो० निर्मला मौर्य, अपने विचार व्यक्त करते हुए |
कार्यक्रम अध्यक्ष
प्रो० सदानंद शाही अपने अध्यक्षीय सम्बोधन करते हुए |
स्मृति चिह्न
प्रो० सदानंद शाही जी को अंगवस्त्र एवं स्मृतिचिह्न से सम्मानित करते हुए प्रबन्धक श्री मिथिलेश कुशवाहा जी |
स्वागत
मुख्य अतिथि का पुष्प भेंट कर स्वागत करते हुए |
स्वागत
मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए 'सल्तनत बहादुर एजुकेसनल ट्रस्ट के प्रबन्धक श्री ओमप्रकाश सिंह |
स्वागत
प्रो० सदानन्द शाही जी का अंगवस्त्र के साथ स्वागत करते श्री मिथिलेश कुशवाहा जी |
आभार
कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए अतिथिगण का आभार व्यक्त करते श्री मिथिलेश कुशवाहा जी |
सम्मान
आयोजक एवं प्रबन्धक श्री मिथिलेश कुशवाहा जी का पुस्तक मेला आयोजन के अनवरत 25 वर्ष पूरा करने पर सम्मान करते हुए अतिथिगण |
सम्मान
आयोजक एवं प्रबन्धक श्री मिथिलेश कुशवाहा जी का पुस्तक मेला आयोजन के अनवरत 25 वर्ष पूरा करने पर सम्मान करते हुए अतिथिगण |
लोकार्पण
अपनी पुस्तक बनारस लॉक-डाउन का लोकार्पण करते श्री विजय विनीत |
सम्बोधन
संस्था के अध्यक्ष श्री अवधेश कुशवाहा जी अतिथियों को संबोधित करते हुए |
सम्मान
समाजसेविका श्रुति नागवंशी जी को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया |
अवलोकन
पुस्तक मेले का अवलोकन करते सम्मानित अतिथिगण |
परिचय
श्री मिथिलेश कुशवाहा जी, श्री पंकज श्रीवास्तव एवं श्री एम० एस० कुशवाहा जी |
प्रदर्शनी
पुस्तक मेले मे प्रदर्शित पुस्तकें |
लोकार्पण
विजय विनीत जी की पुस्तक बनारस लॉक डाउन के लोकार्पण कार्यक्रम में संबोधित करते डॉ० लेलिन |
लोकार्पण
पुस्तक लोकार्पित करते अतिथिगण |
लोकार्पण
पुस्तक लोकार्पित करते अतिथिगण |
लोकार्पण
पुस्तक लोकार्पित करते अतिथिगण |
लोकार्पण
पुस्तक लोकार्पित करते अतिथिगण |
लोकार्पण
पुस्तक लोकार्पित करते अतिथिगण |
आयोजक
मोतीलाल मानव उत्थान समिति
पंजीकृत कार्यालय : सी 33/52-10 कुशवाहा भवन, चंदुआ, छित्तुपुर (सिगरा स्टेडियम के पीछे रोड पर), वाराणसी 221002
Email : motilalmanavutthansamiti@gmail.com
Ph : 0542-2222822, Mo : 9453935066(Whatsapp)