दूध से बने पदार्थो का सेवन नमक के साथ नही करना चाहिये |
बी.एन. मौर्या
वाराणसी, 27 नवम्बर, कुशवाहा भवन, चन्दुआ छित्तूपुर में आयोजित 25वें बनारस पुस्तक
मेला के पांचवे दिन जोड़ो के दर्द, कारण एवं निवारण विषय पर आयोजित गोष्ठी में मुख्य
अतिथि पद से बोलते हुए आयुर्वेद विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के असिस्टेंट
प्रोफेसर, डॉ. बी.एन. मौर्या ने कहा कि जोड़ो में 45 वर्ष के बाद दर्द की शुरुवात होती है,
सामान्यत: यह उम्र जनित परेशानी है। लेकिन इसे बढ़ाने वाले कारण जैसे-अधिक व्यायाम करना,
एक ही आसन में देर तक बैठे रहना, शरीर का अधिक वजन होना, पोषक तत्वों की खान-पान
में कमी आदि जोड़ो के दर्द को बढ़ाने के कारण है। उन्होंने आगे कहा कि सोते समय ऊँची
तकिया का प्रयोग, हेलमेट, ख़राब रोड, लम्बी दुरी की यात्रा एवं मोबाइल से अधिक बातचीत
के कारण सरवाईकल स्पोंडीलाइटीस का खतरा बाना रहता है। इलाज से पहले कारण ढूढना
पड़ेगा। इसके बचाव के लिए 10 मिनट तक क्लॉक और एंटी क्लॉकवाईज व्यायाम करना चाहिये।
एक करवट में 3 घंटे तक सोये रहने पर कंधे के जोड़ में दर्द उत्पन्न हो सकता है। पहली नींद
सीधा उत्तान होना चाहिये, करवट में नहीं। भारी वजन उठाने से पहले घुटनों को मोड़ कर उठाये।
शारीरिक व्यायाम तथा 4 से 5 किलोमीटर चलना लाभदायक होता है। गठिया जैसे रोगों के लिए दूध
के साथ नमक वाला आहार व्यवहार नहीं करना चाहिये। धुप का न लगना ऑस्टिपूरोसिस का कारण
होता है। पनीर के साथ नमक वाला पदार्थ न खाएं। गठिया में ठंडा खाना नही खाना चाहिये।
नमक में सेंधा नमक ज्यादा अच्छा होता है। आर. ओ. के पानी का टीडीएस 250 से 400 के
बीच होना चाहिये। उन्होंने कोविड के सन्दर्भ में बताते हुए कहा कि मास्क और दो गज की दुरी
से ही कोरोना से बचा जा सकता है। डॉ. प्रमोद कुमार गुप्ता ने कहा कि यूरिक
एसिड बढ़ने से गठिया होता है खाना का न पचना, नींद न आना, सुजन का होना आदि लक्षण
दिखाई दे तो यूरिक एसिड की जाँच करने चाहिये। मद्यपान से यूरिक एसिड बढ़ता है। जोड़ो में
लुब्रिकेसन कम होने का कारण दर्द होता है। इसके लिए चिकिस्कीय परामर्श लेना चाहिये।
इस अवसर पर गुलजारी लाल, विजय कुमार, आर सी. चौधरी, अमरनाथ कुशवाहा, संतोष कुमार, नीलिमा वर्मा,
आरती, सुनील कुमार मौर्या तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। संचालन मिथिलेश कुमार कुशवाहा
ने किया और धन्यवाद् ज्ञापन एम. एस. कुशवाहा ने किया।